जीतने वालों को मेरा सलाम !
आपका mindset कैसा होना चाहिए ? Competitive exam की तैयारी करना Mental endurance का खेल है। आप इसे mental marathon भी कह सकते हैं। पहले work ethic से इसी बात को समझते हैं। भीड़ से competition किया नहीं जाता। marathon में दौड़ते वक्त जब आपकी सांस फूलती है, तब competition आपका खुद से है। कौन कहां से आ रहा है, कहां जा रहा है, आपको कोई मतलब नहीं।
आपको एक benchmark की जरूरत है, जिस पर आप अपनी performance बढ़ाते जाएं, और वो benchmark हैं आप खुद। इसलिए पहला belief system है कि competition कहीं बाहर नहीं है। competition केवल और केवल खुद से है।
ये बात इतनी ज़रूरी क्यों है जो हम पहले नंबर पर कर रहे हैं, क्योंकि अगर आपने इस बात को अपना लिया, तो आपको अपने से बेहतर student से insecurity या जलन नहीं होगी, आप उसकी अच्छाई से सीख सकते हैं। अच्छे college में पढ़ते दोस्तों को देख कर आपको अपने भविष्य की चिंता नहीं होगी। जब भी मन में सवाल उठेगा कि इतना competition है मैं क्या करूँ? तो अपने आप जवाब मिलता रहेगा कि खुद से बेहतर करो।
Mental Endurance
जब हम Mental Endurance की बात कर रहे हैं तो बात ये समझने की है कि Intelligence नहीं बल्कि Mental State आपकी असली ताकत है। competitive exam circles में लोग "IQ" को बहुत importance देते हैं खासकर जब exam technical हो। लेकिन असली खेल है कि आपका Mental State कैसा है। मतलब आप परेशानियों को किस angle से देखते हैं और हर दिन कैसा महसूस करते हैं।
जब topper कहते हैं कि “अगर मैं कर सकता हूँ तो आप भी कर सकते हो“, वो इसी mental state की तरफ इशारा कर रहे हैं क्योंकि कभी exam का format बदल सकता है, कभी Corona की वजह से सब कुछ स्थगित हो सकता है,कभी घटना-दुर्घटना हो सकती है। लेकिन हमको कभी distract नहीं होना, क्योंकि हमारा पहला लक्ष्य है race पूरी करना।
मतलब आखिरी दिन तक बिना हार माने संयोजित तरीके से पुरजोर तैयारी करना, और race वही पूरी करेगा जो अगर हर दिन दौड़ता नहीं तो कम से कम हर दिन चलता ज़रूर है।
जब भी हम चिंता करते हैं या इस तरह के discussions में पड़ते हैं तो हम अपनी mental energy waste कर रहे हैं, और यहाँ से वापस subject में concentrate करना बहुत कठिन हो जाता है। जो लोग ध्यान करते हैं वो बता सकते हैं कि जब हमारा दिमाग शांत होने लगता है तो पुराने दबे हुए विचार और Subconscious में छिपी हुईं चिंताएं बाहर आती हैं।
उसी तरह से, अगर आप concentration से किसी तरह पढ़ने भी लगे, मन थोड़ा शांत भी हुआ तो छिपी हुई चिंताएं वापस घेर लेंगी। पढ़ते-पढ़ते इसी कारण पुरानी बातें याद आ जाती हैं। इसलिए किसी न किसी तरह के breathing या प्राणायाम और positive affirmations में हर दिन 10 min invest कीजिए। अगर आपने ये कर लिया तो mental state आपकी ताकत बन जाएगा, आपको बार-बार motivation की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
तीसरा work ethic है
Always find your Balance.
आप mental athletes हैं। एक athlete हमेशा अपने शरीर और दिमाग को balance करता है। वैसे ही जितना आप mental और physical effort लगा रहे हैं उतना rest भी आपको चाहिए। नींद और diet को balance करते रहिए। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे, तो शरीर बीमार हो कर आपसे rest करवा ही लेगा। break लगेगा, classes छूटेंगी, schedule बिगड़ेगा, तो आपको पसंद नहीं आएगा। मैं मेहनती students को 6-8 घंटे सोने की सलाह देता हूँ। आप खुद अपना balance ढूंढिए।
बड़े-बड़े अथाह syllabus से निपटने के लिए नई skills जैसे concentration, reading speed सीखने के लिए एक work ethic Mr. Will Smith से उधार ले लेते हैं। वे कहते हैं कि मेरे parents ने मुझे सिखाया था कि कभी दीवार बनाने की कोशिश नहीं करनी। हम लोग कभी भी सबसे बड़ी, सबसे शानदार दीवार बनाने की कोशिश नहीं कर रहे थे, बल्कि
आप कहते हो कि अगले 10 min में अच्छे से अच्छे तरीके से, मैं एक ईंट दीवार में लगाऊंगा, जितनी अच्छी तरह से इस दुनिया में कोई ईंट लगाई जा सकती है, मैं उस तरह से ईंट लगाऊंगा। और ऐसा हम हर दिन, हर घंटे ऐसा करते रहेंगे। दीवार अपने आप बन कर खड़ी हो जाएगी। और इसका Psychological advantage होता है कि बाकी लोग बड़े सपने, बड़े syllabus देख कर डर जाते हैं, लेकिन वो सपना न आपके लिए बड़ा है न असंभव। आपको तो बस हर 10 min में एक ईंट लगानी है।
अगला work ethic है
You have to enjoy work there is no other way.
Subject boring हो सकता है लेकिन आपको इस exam के खेल में मजा ढूंढना होगा, नहीं तो 12 या 24 महीने syllabus से खेल पाना मुश्किल हो जाएगा। आपको अपनी preparation को तीन लोगों का खेल समझना चाहिए।
पहले आप खुद, दूसरा, paper set करने वाले professor साहब, कि वो questions बनाते समय student से क्या उम्मीद करते हैं, कि ये वाला fact रटो या subject से साथ-साथ सोच विकसित करो,या मैं फसाने वाला हूँ, धैर्य रख के सही option का चुनाव करो। तीसरा, examiner जो subjective paper check करता है या वो जो आपका interview लेते हैं, उनकी क्या अपेक्षाएं हैं आपसे, उन्हें आप से किस तरह के, किस tone में जवाब चाहिए।
अगर ये सारी बातें आपके दिमाग में रहती हैं तो subject की preparation में game और strategy का आयाम जुड़ जाता है और मजा अपने आप आने लगता है।
Realistic Practice gives Results.
Usain Bolt कहते हैं कि race के मैदान पर जाकर confidence नहीं ढूंढते। Navy Seal भी यही कहते हैं हम लोग 60 min के mission की तैयारी में कई हफ्ते rehearse करते हैं। अगर आपको exam के पहले confidence महसूस करना है, अगर exam hall में relax रहना है, तो वैसी ही परिस्थिति बना कर घड़ी में वही 10 से 12 बजे का अलार्म लगाकर table कुर्सी पर बैठ कर paper दीजिये।
जितनी realistic आपकी preparation होगी, उतना confidence आपको आएगा। उसी तरह revision को भी realistic बनाइये। साल के अंत तक मत टालिए, हफ्ते और महीने में revision करते रहिये। जितना strong आपका revision होगा, उतना confidence आपको paper के समय आएगा।
Always make your Plan Work.
कुछ काम नहीं करता जब आप काम नहीं करते। आप कितने ही plan बना लीजिये, बिना massive action के ये काम नहीं करेंगे। हर दिन अपने daily plan को पूरा कीजिये। थोड़ा बहुत plans में update लाना लाज़िमी है, लेकिन एक plan को छोड़ कर दूसरा शुरू करना execution की कमज़ोरी है।
Execution को लेकर चुनिंदा Practical Tips:
Distraction: अगर दिन निकलते जा रहे हैं आपका target complete नहीं हो रहा है, तो उसका एक ही कारण है distraction। हर दिन आपका समय कहीं न कहीं लीक हो रहा है। लोगों को लगता है कि social media के बिना कैसा लगेगा। आपको बहुत अच्छा लगेगा जनाब। Samurai की कहावत है कि भटकता मन दुःखी मन है।
Selective but don’t Fuss: अपना समय कहां और कैसे खर्च करना है इस बारे में बहुत selective हो जाइए, लेकिन समय को लेकर भाग-दौड़ मत कीजिये। ये tension और चिंता का मुख्य कारण है। जो भी आप कर रहे हैं उसे अच्छी तरह relax होकर कीजिये।
अगर एक दिन breakdown हो भी जाए तो उसे दूसरे दिन तक न जाने दीजिये। हर दिन अपना mental state reset कीजिये।
दोस्तों आप विचार कीजिये और समझिए कि Competitive exam को पार करने में जितनी भी mental qualities लगती हैं वो सारी की सारी सफल जीवन जीने और अच्छा business करने में भी लगती हैं। अगर आप कठिन समय में धैर्य रखना, pressure को handle करना, time और focus को manage करना, खुद को positive रखना सीख गए, तो आप जीवन के बड़े से बड़े challenges को पार कर जाएंगे। तो ये principles आपके जिंदगी भर हर क्षेत्र में काम आएंगे।
हिम्मत ~ हरकत ~ होशियारी
हम जीतेंगे !